Kundali Bhagya 1438 | Kumkum Bhagya Written Update

Kundali Bhagya 1438 के पिछले भाग में अंजलि गन देकर आ जाती है. सृष्टि को भी यकीन हो जाता है की अर्जुन ही उसके करन जीजू हैं. क्या अंजलि गुंडों को भगा देगी? क्या अंजलि प्रीता को गोली मारेगी? क्या अब शादी हो जाएगी या कोई नयी मुसीबत आ जाएगी? इन सभी सवालों के जवाब आज जानेंगे. तो चलिए शुरू करें..

पोस्ट में आगे बढ़ने से पहले आज का विचार: “याद रखना, अंधेरी रात में आपको दिया जलाने से कोई नहीं रोक सकता।” – हरिवंश राय बच्चन

Kundali Bhagya 1438 के शुरुआत में आज कमरे में हुए बात को ऋषभ याद करता है. जब वह काव्या की फोटो देख रहा होता है. और अर्जुन उससे कहता है, की वह चिंता न करें काव्या से उसे वह कभी दूर नहीं करेगा. और चाहे तो काव्या उसे ताऊ जी बुला सकती है. और ऐसा सुनते ही ऋषभ के आँखों में आंसू आ जाते हैं और वह अर्जुन को गले से लगा लेता है.

वैसे तो ऋषभ पहले से ही जानता है की अर्जुन ही करन है पर, अर्जुन का काव्या को लेकर ऐसा कहना ऋषभ को कन्फर्म करा देता है की वही करन है.

इधर नन्हीं पारी काव्या अपने मॉम की शादी में कुछ ऐसा करना चाहती है जैसे की फिल्मों में होता है. और सब मिलकर प्रीता को सरप्राइज दे देते हैं. और उसे फूलों वाले सेज़ के नीचे खड़ाकर मंडप तक लेन लगते हैं. उसकी बेटी काव्या रास्ते में फूल बिछाने लगती है.

Kundali Bhagya 1438 में ही परिस्थिति एक ही है, पर मनः स्थिति अनेक हैं. मतलब ये की शादी का माहौल वही है पर वहां जीतने लोग उपस्थित है उन सबके चहरे कुछ अलग-अलग बात बयां कर रहे है जैसे- राखी सबसे ज्यादा खुश नजर आ रही है और हो भी क्यों न आज उसका बेटा उसे वापस मिलने जा रहा है.

जबकि सभी के चेहरों में कई प्रकार की खुशियाँ दिख रहीं हैं. पर वहीँ एक चेहरा बहुत मायूस और चिंतित है, और यह चेहरा है अंजलि का. मायूस इसलिए की जिस अर्जुन को वह चाहती है वह प्रीता का होने जा रहा है. और चिंतित इसलिए की आगे क्या होगा, क्योंकि उसने तो सुपारी दे दी है. वही काव्या भी अपनी ख़ुशी इजहार करती है और कहती है, शादियाँ तो उसने बहुत देखीं हैं. पर उसे अपनी मम्मी की शादी देखने का बड़ा मन था जो आज पूरा हो रहा है.

Kundali Bhagya 1438 में आगे कुछ ही देर में नाच गाना करने वाले लोग ढोल ताशे के साथ वहां महफ़िल में रंग ज़माने पहुँच जाते हैं. और सबसे पहले राखी को नचाते हैं. फिर बारी-बारी से सबको नचाते हैं. अर्जुन और प्रीता की बारी में अर्जुन इतना खुश होकर नाचता है की क्या कहें. और सब लोग उसे भौचक्के होकर देखते हैं,खासकर प्रीता क्योंकि अर्जुन अभी वैसे ही डांस कर रहा होता है जैसा की वह पहले करन के रूप में किया करता था.

सब लोगों का यकीन और बढ़ता जा रहा है की वही करन है. जबकि अंजलि गुस्से से दांत पीसने लगती है. और पानी भरी कांच की गिलास को हाथ से दबाकर तोड़ देती है. उसके हाथ से खून बहने लगता है. वह बाहर जाकर जोर से चिल्लाने लगती है. और वापस आकर सोचती है की उसमे क्या कमी है जो अर्जुन उसे छोड़कर प्रीता से शादी कर रहा है.

फिर पंडित जी कहते है की अगर नाच गाना हो गया हो तो शादी की रस्में आगे बढायें. जैसे ही अर्जुन और प्रीता मंडप की तरफ बढ़ते हैं, पीछे से हाथ में गन लेकर पृथ्वी आ जाता है और, राखी की कनपटी पर लगा देता है. सब चौंक जाते हैं की अचानक ये क्या हो गया? ये गुंडे फिर से कैसे आ गये?

अर्जुन के अपनी माँ को छोड़ने के लिए कहने पर, पृथ्वी कहता है की वो सब को छोड़ देगा पर राखी को नहीं क्योंकि उसने उन्हें बहुत बेवकूफ बनाया है और टाइम वेस्ट किया है. फिर अर्जुन अपना सेहरा निकाल कर पृथ्वी पर झपट जाता है. और फिर माहौल एक बार फिर पुराने जैसा हो जाता है.

सब एक दूसरे को पकड़ कर मारने लगते हैं वास्तव में ये पता ही नहीं चल पाता है की कौन किसको मार रहा है. और इसी बीच अंजलि प्रीता पर निशाना लगाने लगती है.

दोस्तों Kundali Bhagya 1438 के बाद इससे आगे की स्टोरी बहुत ही रोमांचक होगी. आप भी जानना चाहेंगे की आगे क्या हुआ. क्या अंजलि गोली चला देगी? गोली किसे लगेगी? क्या गुंडे कण्ट्रोल में आयेंगे या नहीं? इन सारे सवालों के जवाब आपको हमारे अगले एपिसोड में मिलेगा.

तब तक के लिए इंतिजार करें और कैसी लगी हमारी ये पोस्ट हमें जरूर बताएं और साथ ही अपने दोस्तों में शेयर करके हमारा हौसला बढ़ाएं ताकि हम आपके लिए और मनोरंजक पोस्ट लाते रहें. धन्यवाद !

जाने से पहले जरा मुस्कुरा कर जायें:

आजकल के होथियार बच्चे
पिता- नालायक, तू फिर फेल हो गया, आज से कभी मुझे पापा मत कहना.
बेटा-ओह कमऑन डैड, स्कूल टेस्ट ही तो था, कोई डीएनए टेस्ट थोड़ी न था

 

 

Kundali Bhagya 1438 का पिछला भाग                Kundali Bhagya 1438 का अगला भाग

Kundali Bhagya 1438 पूरा एपिसोड यहाँ देखें

 

Leave a Comment